Everything about Shiv chaisa
Everything about Shiv chaisa
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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और shiv chalisa in hindi भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ Shiv chaisa ।
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन shiv chalisa in hindi हारी॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥